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Saturday 28 November 2015

कोरे कागज़ पर काले अक्षर मुझे आजाद करते हैं


किसी ने क्या खूब कहा है 
"कोरे कागज़ पर काले अक्षर मुझे आजाद करते हैं"
अपने परिवेश को अपने आप में खोजने की आजादी
विचार जितनी जल्दी आता है
सचमुच उतनी ही तेज़ उसकी आज़ादी.
सच में कोरा कागज़ उकसाता है
उन दीवारों को लांघने के लिए,
दीवारें जो हैं भ्रम की ऊचाई लिए.
सचमुच कोरा कागज़ पर काले अक्षर मुझे आजाद करते हैं
लव्ज़ मेरे कोरे कागज़ पर
जैसे तारे टिमटिमाते हैं अनंत गगन पर
इनमें है लहरों की तीव्रता
इनमें है सागर की गहरायी
इनमें है ओस की बूंदों की सौम्यता
इनमें है भविष्य की कल्पना
इनमें है अतीत की यादें
इनमें है इरादों की दृढ़ता
इनमें है साहस
इनमें है प्रेम
जो जबां बयाँ नहीं कर पाती है
कोरे कागज़ पर काले अक्षर वह सब बयाँ करते हैं
कोरे कागज़ पर काले अक्षर मुझे आजाद करते हैं

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